आज उदघाटन है, खेलों का, जी खेलों का,,,
गुलामीं के खेल का,,
भ्रष्टाचार के खेल का,,
कांग्रेस के पैसे के खेल का,,
...मीडिया अपनी बंद आंखों से देश को सीधा प्रसारण दिखायेगा,, पीपली की जनता मरते किसानों को भूल फिर तालियाँ बजायेगी..
विश्व का सबसे बडां लोकतंत्र अपनें होनें पर कहीं किसी कोनें में आंसू बहायेगा
गुलामीं के खेल का,,
भ्रष्टाचार के खेल का,,
कांग्रेस के पैसे के खेल का,,
...मीडिया अपनी बंद आंखों से देश को सीधा प्रसारण दिखायेगा,, पीपली की जनता मरते किसानों को भूल फिर तालियाँ बजायेगी..
विश्व का सबसे बडां लोकतंत्र अपनें होनें पर कहीं किसी कोनें में आंसू बहायेगा
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